कागजी फूलों में खुश्बू आने लगी बाजार ने बदल दिए म | हिंदी शायरी

"कागजी फूलों में खुश्बू आने लगी बाजार ने बदल दिए मायने सभी सखी दौर दिखावे के घोर अंधेरे का है सच शुद्ध स्पष्ट होकर भी बच्चे सा है जिसे जानते हैं सब पर मानते नहीं सामने देखकर भी पहचानते नहीं बबली गुर्जर ©Babli Gurjar"

 कागजी फूलों में खुश्बू आने लगी 
बाजार ने बदल दिए मायने सभी 

सखी दौर दिखावे के घोर अंधेरे का है 
सच शुद्ध स्पष्ट होकर भी बच्चे सा है 

जिसे जानते हैं सब पर मानते नहीं 
सामने देखकर भी पहचानते नहीं 
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar

कागजी फूलों में खुश्बू आने लगी बाजार ने बदल दिए मायने सभी सखी दौर दिखावे के घोर अंधेरे का है सच शुद्ध स्पष्ट होकर भी बच्चे सा है जिसे जानते हैं सब पर मानते नहीं सामने देखकर भी पहचानते नहीं बबली गुर्जर ©Babli Gurjar

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