कितनी आराम से वो रात की बात बता गई दिल पर लगी पर | हिंदी शायरी

"कितनी आराम से वो रात की बात बता गई दिल पर लगी पर उदास मत होना ये कह कर समझा गई सुनता रहा कहानी में भी उसकी दिल पर हाथ रखकर मेरे होठो पर उंगली रखकर चुप रखना बता गई समझ नही आ रहा किस तरह जी रहा हूँ मै प्यासा था में उसका पानी मुझे दिखा कर किसी ओर को पिला गई कितनी आराम से वो रात की ............................ ©sanjay Punia"

 कितनी आराम से वो रात की बात बता गई 
दिल पर लगी पर उदास मत होना ये कह कर समझा गई 
सुनता रहा कहानी में भी उसकी दिल पर हाथ रखकर 
मेरे होठो पर उंगली रखकर चुप रखना बता गई 
समझ नही आ रहा किस तरह जी रहा हूँ मै 
प्यासा था में उसका पानी मुझे दिखा कर किसी
ओर को पिला गई
कितनी आराम से वो रात की ............................

©sanjay Punia

कितनी आराम से वो रात की बात बता गई दिल पर लगी पर उदास मत होना ये कह कर समझा गई सुनता रहा कहानी में भी उसकी दिल पर हाथ रखकर मेरे होठो पर उंगली रखकर चुप रखना बता गई समझ नही आ रहा किस तरह जी रहा हूँ मै प्यासा था में उसका पानी मुझे दिखा कर किसी ओर को पिला गई कितनी आराम से वो रात की ............................ ©sanjay Punia

रात की बात

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