sanjay Punia

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सबसे अलग हुँ .........लेकिन गलत नही ।

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White जिंदगी 😢 _______________________________ कोई बात नही जिंदगी इतना तो चलता है हर किसी को वफादार प्यार थोड़े ही मिलता है कोई फिसल जाता है किसी की बातों और सुंदरता पर कोई अपने वादों पर बंधा रह जाता है । कोई बात नही जिंदगी इतना तो चलता है ........... हर समय साथ तुझको पाये थे अब अकेले ही रह जाना है दुख तब होता है हमने उसको शहद दिया और नमक पाया वही उसने मेरे घाव पर लगाया अब दर्द बहुत होता है कोई बात नही जिंदगी इतना तो चलता है .............. आजकल तो लोग गुलाब पर पैर रखकर गुलाब खोजते है जब एक से काम ना चले तो दूसरे को रोकते है आज तेरा क्या हाल हो गया तु खुद देख चल फिर पैर पर मिट्टी रखकर घर बनाते है ओर उसी में रहते है कोई बात नही जिंदगी इतना तो चलता है .......... S.S की डायरी ©sanjay Punia

#शायरी  White                      जिंदगी 😢
_______________________________
कोई बात नही जिंदगी इतना तो चलता है
हर किसी को वफादार प्यार थोड़े ही मिलता है
कोई फिसल जाता है किसी की बातों और सुंदरता पर
कोई अपने वादों पर बंधा रह जाता है ।
कोई बात नही जिंदगी इतना तो चलता है ...........
हर समय साथ तुझको पाये थे अब अकेले ही रह जाना है
दुख तब होता है हमने उसको शहद दिया और नमक पाया
वही उसने मेरे घाव पर लगाया अब दर्द बहुत होता है 
कोई बात नही जिंदगी इतना तो चलता है ..............
आजकल तो लोग गुलाब पर पैर रखकर गुलाब खोजते है
जब एक से  काम ना चले तो दूसरे को रोकते है 
आज तेरा क्या हाल हो गया तु खुद देख 
चल फिर पैर पर मिट्टी रखकर घर बनाते है ओर उसी में रहते है
कोई बात नही जिंदगी इतना तो चलता है ..........

S.S की डायरी

©sanjay Punia

शायरी हिंदी

14 Love

White -----------:सजाएं मौत:------------ वकील तेरा ओर जज उसका ओर कसूर तेरा सजा मुझको मिली बता कसूर क्या था मेरा किसी को चाहना ओर उस पर पागल हो जाना गलती थी ये थी मेरी फिर फैसला मेरे हक में आना उम्र कैद की सजा सुनाना वकील जो निकला तेरा चाहने वाला।। उम्र कैद की सजा तेरी ठोकर से भी बड़ी थी मर तो में तभी गया था जब तुम उसके साथ खड़ी थी । अब तो सजा में कोई जमानत नही कुछ नही पास मेरे अब देखो चलते नही उसकी यादों कागज अदालतों मे जिससे मुझे मिलती जमानत नही ।। वकील को तेरा समझाना सच को कैसे है छुपाना झूठ पर झूठ बनाकर एक कहानी बनाना और सजा दिलाकर तेरा यु अलग हो जाना सोचना जरूर समय मिले तो मोहबत की कहानी का अंत क्यों हो जाना ।। ©sanjay Punia

#शायरी #sad_shayari  White -----------:सजाएं मौत:------------

वकील तेरा ओर जज उसका ओर कसूर तेरा
सजा मुझको मिली बता कसूर क्या था मेरा 
किसी को चाहना ओर उस पर पागल हो जाना
गलती थी ये थी मेरी फिर फैसला मेरे हक में आना
उम्र कैद की सजा सुनाना वकील जो निकला तेरा चाहने वाला।।
उम्र कैद की सजा तेरी ठोकर से भी बड़ी थी मर तो में 
तभी गया था जब तुम उसके साथ खड़ी थी ।
अब तो सजा में कोई जमानत नही कुछ नही पास 
मेरे अब देखो चलते नही उसकी यादों कागज अदालतों 
मे जिससे मुझे मिलती जमानत नही ।।
वकील को तेरा समझाना सच को कैसे है छुपाना
झूठ पर झूठ बनाकर एक कहानी बनाना और सजा दिलाकर तेरा यु अलग हो जाना सोचना जरूर समय 
मिले तो मोहबत की कहानी का अंत क्यों हो जाना ।।

©sanjay Punia

#sad_shayari गम भरी शायरी

12 Love

पता नही क्यों जिन्दगी मे उलझन सी हो गई और रिस्तो के आगे मेरे रिस्ते की अहमियत कम हो गई लगती तो थी चाँद जैसी शीतल वो हर वक़्त आज सूरज जैसी गरम क्यों हो गई अब वक़्त ही नही उसके पास मेरे लिये मेरे नाम की क्यों घड़ी बन्द हो गई ये अलग बात है खुशी हर वक़्त मेरे नसीब में नही कोई बात नही तू खुश रह लगता है तुम भी नसीब में नही ।। ©sanjay Punia

#शायरी #HeartBreak  पता नही क्यों जिन्दगी मे उलझन सी हो गई
और रिस्तो के आगे मेरे रिस्ते की अहमियत कम हो गई 
लगती तो थी चाँद जैसी शीतल वो हर वक़्त
आज सूरज जैसी गरम क्यों हो गई 
अब वक़्त ही नही उसके पास मेरे लिये 
मेरे नाम की क्यों घड़ी बन्द हो गई
ये अलग बात है  खुशी हर वक़्त मेरे नसीब में नही 
कोई बात नही तू खुश रह लगता है तुम भी नसीब में नही ।।

©sanjay Punia

हर साल ये रात आती है मेरी जिंदगी में , अकेला होने का अहसास करा जाती है जिंदगी में। अच्छी जोड़ी थी जिन्दगी में जैसे चाँद और चकोर हो , चकोर चली गई अब जिन्दगी से । क्या क्या ख्वाब थे हमारे किस किस जगह मिले थे हम , क्या हुआ अब रह गया अकेला में जिन्दगी में । आज की रात अंधेरी नही काली रात है सब कुछ खत्म हो गया था खुशी खुशी जिन्दगी में । क्या बचा मेरे पास उसके विदा होते समय वो अश्क ओर उसके वादे और उसकी जिन्दगी मे यादे ।। सोच लिया था आज के दिन मेने अब हर हाल मे जीना है और उसको उम्र भर रोना है । अब वो किसी और का हमसफर है आज भी उसके लिये दिल मे तड़फ है । ©sanjay Punia

#शायरी  हर साल ये रात आती है मेरी जिंदगी में , अकेला होने का अहसास करा जाती है जिंदगी में।
अच्छी जोड़ी थी जिन्दगी में जैसे चाँद और चकोर हो , चकोर चली गई अब जिन्दगी से ।
क्या क्या ख्वाब थे हमारे  किस किस जगह मिले थे हम , क्या हुआ अब रह गया अकेला में जिन्दगी में ।
आज की रात अंधेरी नही काली रात है सब कुछ खत्म हो गया था 
खुशी खुशी जिन्दगी में ।
क्या बचा मेरे पास उसके विदा होते समय वो अश्क ओर उसके वादे और उसकी जिन्दगी मे यादे ।।
सोच लिया था आज के दिन मेने अब हर हाल मे जीना है और उसको उम्र भर रोना है ।
अब वो किसी और का हमसफर है आज भी उसके लिये दिल मे तड़फ है ।

©sanjay Punia

हर साल ये रात आती है मेरी जिंदगी में , अकेला होने का अहसास करा जाती है जिंदगी में। अच्छी जोड़ी थी जिन्दगी में जैसे चाँद और चकोर हो , चकोर चली गई अब जिन्दगी से । क्या क्या ख्वाब थे हमारे किस किस जगह मिले थे हम , क्या हुआ अब रह गया अकेला में जिन्दगी में । आज की रात अंधेरी नही काली रात है सब कुछ खत्म हो गया था खुशी खुशी जिन्दगी में । क्या बचा मेरे पास उसके विदा होते समय वो अश्क ओर उसके वादे और उसकी जिन्दगी मे यादे ।। सोच लिया था आज के दिन मेने अब हर हाल मे जीना है और उसको उम्र भर रोना है । अब वो किसी और का हमसफर है आज भी उसके लिये दिल मे तड़फ है । ©sanjay Punia

8 Love

कितनी आराम से वो रात की बात बता गई दिल पर लगी पर उदास मत होना ये कह कर समझा गई सुनता रहा कहानी में भी उसकी दिल पर हाथ रखकर मेरे होठो पर उंगली रखकर चुप रखना बता गई समझ नही आ रहा किस तरह जी रहा हूँ मै प्यासा था में उसका पानी मुझे दिखा कर किसी ओर को पिला गई कितनी आराम से वो रात की ............................ ©sanjay Punia

#शायरी  कितनी आराम से वो रात की बात बता गई 
दिल पर लगी पर उदास मत होना ये कह कर समझा गई 
सुनता रहा कहानी में भी उसकी दिल पर हाथ रखकर 
मेरे होठो पर उंगली रखकर चुप रखना बता गई 
समझ नही आ रहा किस तरह जी रहा हूँ मै 
प्यासा था में उसका पानी मुझे दिखा कर किसी
ओर को पिला गई
कितनी आराम से वो रात की ............................

©sanjay Punia

रात की बात

11 Love

कुछ इस कदर रूठ गई जिन्दगी जैसे हाथों में आके छूठ गई जिन्दगी अब तो किसी तरफ उजाला नही घनी काली रात बन गई जिन्दगी जब आती है तो चंद मिनटों की खुशी बनकर जिन्दगी फिर खोजता हुँ अंधरो में वही जिन्दगी क्या कहूँ उसे और कैसे देखूँ उसे अब तो आँखों से धार बन गई है जिन्दगी वो भी क्या करे उसका भी मुझसे ही वास्ता है दखो फिर मजबुर सी हो गई है जिन्दगी ।। ©sanjay Punia

#शायरी  कुछ इस कदर रूठ गई जिन्दगी जैसे हाथों में आके छूठ गई जिन्दगी
अब तो किसी तरफ उजाला नही घनी काली रात बन गई जिन्दगी
जब आती है तो चंद मिनटों की खुशी बनकर जिन्दगी फिर 
खोजता हुँ अंधरो में वही जिन्दगी 
क्या कहूँ उसे और कैसे देखूँ उसे अब तो आँखों से धार
बन गई है जिन्दगी
वो भी क्या करे उसका भी मुझसे ही वास्ता है दखो फिर 
मजबुर सी हो गई है जिन्दगी ।।

©sanjay Punia

जिन्दगी

7 Love

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