White खामोशी तन्हा रात की, आसमां पे चाँद की सौगात | हिंदी कविता

"White खामोशी तन्हा रात की, आसमां पे चाँद की सौगात सी, सितारे थमे हुए, झील से गहरे, तन्हाई के पहलू में सपने खामोश हैं। हवा भी धीमे से चलती है, जैसे किसी राज़ की गवाही देती है, रात की चादर ओढ़े दिलों के दर्द, जिन्हें बयां करने को कोई पास नहीं। चुपचाप चलती हैं घड़ियाँ यहाँ, हर टिक-टिक में सिमटी हैं कहानियाँ, खामोशी की ये अनकही जुबां, सुनाती है दिल की धड़कनों का बयां। तन्हा है ये रात, पर प्यारी भी, जैसे किसी अपने से मुलाकात की तैयारी भी, अंधेरों में छिपे कुछ उजाले से पल, जो सिर्फ खामोशी में ही मिलते हैं कल। ©aditi the writer"

 White खामोशी तन्हा रात की,
आसमां पे चाँद की सौगात सी,
सितारे थमे हुए, झील से गहरे,
तन्हाई के पहलू में सपने खामोश हैं।
हवा भी धीमे से चलती है,
जैसे किसी राज़ की गवाही देती है,
रात की चादर ओढ़े दिलों के दर्द,
जिन्हें बयां करने को कोई पास नहीं।
चुपचाप चलती हैं घड़ियाँ यहाँ,
हर टिक-टिक में सिमटी हैं कहानियाँ,
खामोशी की ये अनकही जुबां,
सुनाती है दिल की धड़कनों का बयां।
तन्हा है ये रात, पर प्यारी भी,
जैसे किसी अपने से मुलाकात की तैयारी भी,
अंधेरों में छिपे कुछ उजाले से पल,
जो सिर्फ खामोशी में ही मिलते हैं कल।

©aditi the writer

White खामोशी तन्हा रात की, आसमां पे चाँद की सौगात सी, सितारे थमे हुए, झील से गहरे, तन्हाई के पहलू में सपने खामोश हैं। हवा भी धीमे से चलती है, जैसे किसी राज़ की गवाही देती है, रात की चादर ओढ़े दिलों के दर्द, जिन्हें बयां करने को कोई पास नहीं। चुपचाप चलती हैं घड़ियाँ यहाँ, हर टिक-टिक में सिमटी हैं कहानियाँ, खामोशी की ये अनकही जुबां, सुनाती है दिल की धड़कनों का बयां। तन्हा है ये रात, पर प्यारी भी, जैसे किसी अपने से मुलाकात की तैयारी भी, अंधेरों में छिपे कुछ उजाले से पल, जो सिर्फ खामोशी में ही मिलते हैं कल। ©aditi the writer

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