घड़ी की सुइयाँ आगे बढ़ती रही पर समय थम गया था तेरी | हिंदी शायरी
"घड़ी की सुइयाँ आगे बढ़ती रही पर समय थम गया था तेरी महफिल में तुझको रुलाने आए हैं
नहीं करते हैं तुझसे मोहब्बत यह जताने आए हैं
अरे तूने तो दे दिया धोखा मुझको
मगर प्यार क्या होता है यह तुझे बताने आए है...."
घड़ी की सुइयाँ आगे बढ़ती रही पर समय थम गया था तेरी महफिल में तुझको रुलाने आए हैं
नहीं करते हैं तुझसे मोहब्बत यह जताने आए हैं
अरे तूने तो दे दिया धोखा मुझको
मगर प्यार क्या होता है यह तुझे बताने आए है....
जा बेवफा जा हमें प्यार नहीं करना,
तन्हा जी लेंगे हम जब है तन्हा मरना.......