"है मुमकिन कि तुझको कोई मंजर ना मिलेगा
प्यासा ही भटकेगा कोई समन्दर ना मिलेगा
पूरी दुनिया में ढूँढ़ के जब लौटेगा कभी तू
याद रखना तू खुद भी कभी तेरे अंदर ना मिलेगा"
है मुमकिन कि तुझको कोई मंजर ना मिलेगा
प्यासा ही भटकेगा कोई समन्दर ना मिलेगा
पूरी दुनिया में ढूँढ़ के जब लौटेगा कभी तू
याद रखना तू खुद भी कभी तेरे अंदर ना मिलेगा