सुन बावरे, कुछ तो बात है तुझमे जो मेरी मन की बात भ | हिंदी शायरी
"सुन बावरे,
कुछ तो बात है तुझमे जो मेरी मन की बात भी तू नही सुन पा रहा है
कुछ तो राज है तुझमे तेरे एक छोटे सावल का जवाब देने से कतरा रहा है
सांसो की धड़कन भी तू दील मे छूपी आग भी तू फिर भी तेरा नाम लेने से घबरा रहा है"
सुन बावरे,
कुछ तो बात है तुझमे जो मेरी मन की बात भी तू नही सुन पा रहा है
कुछ तो राज है तुझमे तेरे एक छोटे सावल का जवाब देने से कतरा रहा है
सांसो की धड़कन भी तू दील मे छूपी आग भी तू फिर भी तेरा नाम लेने से घबरा रहा है