【आर्यावर्त के वीर】
माँ भारती को अपने , पुत्रों से स्नहे अपार है,
क्यों भूलते हो तुम पर , सम्पूर्ण देश का भार है।
याद करो अपने बल को, क्यों मोह माया में मस्त हो,
पवन पुत्र हनुमान के , तुम सबसे प्यारे भक्त हो।
मन से तुम सब चाहों तो, हर लक्ष्य को पा सकते हो,
गहरे सागर से लेकर तुम ,अम्बर तक जा सकते हो।
खुद को साधारण मत समझो,तुम सिंहों कि फौज हो,
आर्यावर्त के वीर जवानों,तुम भगत सिंह,और बोस हो।
विकास शाहजहाँपुरी
©Kavi Vikas Singh
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