एक मुलाकात कि चाहत है, पर शाम बीत जाने दो,
उसके हक में दुआ करेंगे, पहले गलती हो जाने दो,
वो आसमान अकेला है, क्यों न बादलों को आने दो,
मेरा अपना मुझे छोड़ गया है, आज तो मुझको रोने दो,
अगर कुछ पल चाहने का कर्ज ता उम्र चुकाना होता है,
फिर यूँ करो मुझे तन्हा छोड़ो और मुझको घर जाने दो,
मैं समझ गया मजबूरी तुम्हारी, इसलिए बोल रहा हूँ,
इसलिए खुद को समेटो और मुझको मर जाने दो,
माना कुछ वादे हुए थे बीच हमारे, पर उन्हें टूट जाने दो,
वो साथ 'चाय' पे जाने का ख्वाब, 'हां' उसको भी टूट जाने दो।।
-sam_❤
©silent_night
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