silent_night

silent_night Lives in Bareilly, Uttar Pradesh, India

my Insta- @lafze_ruh बस अन्धेरो से निकलने कि कोशिश कर रहा हूं।।। medico. 🏥

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मेरे खिलाफ तुझे क्यों न करते ये लोग। हमें जुदा आखिर क्यों न करते ये लोग। मुझे हाथ लगाना उनके बस में नहीं था। और इस्से ज्यादा क्या ही करते ये लोग। कच्चे धागे सी निकली ये तेरी मोहब्बत। ऐसी मोहब्बत को तो रोंद देते है ये लोग। मेरा एक वादा जो हमेशा ही निभाऊंगा। हूं मैं साथ हमेशा चाहे जो करलें ये लोग। ©silent_night

#Broken #Flower #alone #Pain  मेरे खिलाफ तुझे क्यों न करते ये लोग। 

हमें जुदा आखिर क्यों न करते ये लोग।

मुझे हाथ लगाना उनके बस में नहीं था। 

और इस्से ज्यादा क्या ही करते ये लोग। 

कच्चे धागे सी निकली ये तेरी मोहब्बत। 

ऐसी मोहब्बत को तो रोंद देते है ये लोग। 

मेरा एक वादा जो हमेशा ही निभाऊंगा। 

हूं मैं साथ हमेशा चाहे जो करलें ये लोग।

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उसका हाथ छूट गया है मेरे हाथो से, मेरी उंगलियाँ पनाह मागंती उसकी अगूंठी से। वो पेड़ नहीं हटता अपनी जगह से, मेरा दिल टूट सा जाता है उसके मुरझाने से। -sam_❤ ©silent_night

#PoetInYou #Quotes #alone #Pain  उसका हाथ छूट गया है मेरे हाथो से, 

मेरी उंगलियाँ पनाह मागंती उसकी अगूंठी से।

वो पेड़ नहीं हटता अपनी जगह से,
 
मेरा दिल टूट सा जाता है उसके मुरझाने से।



                                                               -sam_❤

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बे वजह हसना था, हर मोड़ पर रोना था, जाने वो बचपन कैसा था, जिसे सोच के रोना था। एक पल में जैसे टूटा था, कोई ख्वाब जो अपना था, मुठ्ठि से ऐसे फिसला था, वो खास कभी जो अपना था। बारिश में वो कागज की नाव और मोसम जो सुहाना था, ऐ काश वो वक्त कभी वापस आये, जिस वक्त गाँव हमारा था। एक छोटा बस्ता डाल काधों पर जो कोसो दूर तक जाना था, एक छोटी सी कहानी अपनी, छोटा सा अपना घराना था। -sam_❤ ©silent_night

#Emotional #Dreams #Yadein #alone  बे वजह हसना था, हर मोड़ पर रोना था,

जाने वो बचपन कैसा था, जिसे सोच के रोना था।

एक पल में जैसे टूटा था, कोई ख्वाब जो अपना था,

मुठ्ठि से ऐसे फिसला था, वो खास कभी जो अपना था।

बारिश में वो कागज की नाव और मोसम जो सुहाना था,

ऐ काश वो वक्त कभी वापस आये, जिस वक्त गाँव हमारा था।

एक छोटा बस्ता डाल काधों पर जो कोसो दूर तक जाना था,

एक छोटी सी कहानी अपनी, छोटा सा अपना घराना था।



                                                                              -sam_❤

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एक मुलाकात कि चाहत है, पर शाम बीत जाने दो, उसके हक में दुआ करेंगे, पहले गलती हो जाने दो, वो आसमान अकेला है, क्यों न बादलों को आने दो, मेरा अपना मुझे छोड़ गया है, आज तो मुझको रोने दो, अगर कुछ पल चाहने का कर्ज ता उम्र चुकाना होता है, फिर यूँ करो मुझे तन्हा छोड़ो और मुझको घर जाने दो, मैं समझ गया मजबूरी तुम्हारी, इसलिए बोल रहा हूँ, इसलिए खुद को समेटो और मुझको मर जाने दो, माना कुछ वादे हुए थे बीच हमारे, पर उन्हें टूट जाने दो, वो साथ 'चाय' पे जाने का ख्वाब, 'हां' उसको भी टूट जाने दो।। -sam_❤ ©silent_night

#zindagikerang #gazal #alone #Pain  एक मुलाकात कि चाहत है, पर शाम  बीत  जाने दो,
उसके हक में दुआ  करेंगे, पहले  गलती  हो जाने दो,

 वो आसमान अकेला है, क्यों न  बादलों  को आने दो,
मेरा अपना मुझे छोड़ गया है, आज तो मुझको रोने दो,

अगर कुछ पल चाहने का कर्ज ता उम्र चुकाना होता है,
फिर यूँ करो मुझे  तन्हा छोड़ो और मुझको घर जाने दो,

मैं समझ गया मजबूरी तुम्हारी, इसलिए बोल  रहा  हूँ,
इसलिए  खुद को  समेटो  और  मुझको  मर  जाने दो,

माना कुछ वादे हुए थे बीच हमारे, पर उन्हें टूट जाने दो,
वो साथ 'चाय' पे जाने का ख्वाब, 'हां' उसको भी  टूट जाने दो।।



                                                                    -sam_❤

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सिर्फ चार ही बातें सुनकर, तुम उनकी कभी न होना। बडा़ ही मुश्किल होता है, हर एक की बातें सच होना। sam_@❤ ©silent_night

#forlove #story #Heart #Pain  सिर्फ चार ही बातें सुनकर, तुम उनकी कभी न होना।
 
बडा़ ही मुश्किल होता है, हर एक की बातें सच होना।

 



                                                                           sam_@❤

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माना इश्क न चाहने कि आदत है। हम क्या करे जो हमे दूसरे की आदत है। वो न चाहकर भी हमसे मिलने आया। उसकी रोज नयी चाल चलने की जो आदत है। अपने चहरे पर वो डाल के आये परदा। हमें उनकी आँख के पास का तिल देखने की आदत है। तू खुद अपना शीशा-गरी का हुनर न कर जाया। हमारी क्या है, हमे तो टूट जाने की आदत है। sam_❤ ©silent_night

#zindagikerang #Pain #poem  माना इश्क न चाहने कि आदत है।

हम क्या करे जो हमे दूसरे की आदत है।

वो न चाहकर भी हमसे मिलने आया।

उसकी रोज नयी चाल चलने की जो आदत है।

अपने चहरे पर वो डाल के आये परदा।

हमें उनकी आँख के पास का तिल देखने की आदत है।

तू खुद अपना शीशा-गरी का हुनर न कर जाया।

हमारी क्या है, हमे तो टूट जाने की आदत है।



                                                                   sam_❤

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