ना कसूर उसका था , ना कसूर मेरा था। ये जमाने की गल | हिंदी शायरी

"ना कसूर उसका था , ना कसूर मेरा था। ये जमाने की गलती थी पहले हम दोनों को एक दूसरे से प्यार करने के लिए मजबूर कर दिया फिर उन्होंने ही हमें एक दूसरे से दूर कर दिया।"

 ना कसूर उसका था , 
ना कसूर मेरा था।
ये जमाने की गलती थी पहले हम दोनों को एक दूसरे से प्यार करने के लिए मजबूर कर दिया फिर उन्होंने ही हमें एक दूसरे से दूर कर दिया।

ना कसूर उसका था , ना कसूर मेरा था। ये जमाने की गलती थी पहले हम दोनों को एक दूसरे से प्यार करने के लिए मजबूर कर दिया फिर उन्होंने ही हमें एक दूसरे से दूर कर दिया।

ये जमाने की गलती थी।

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