"Wings and Fire मोहब्बत बोहत खास है मेरी
पर आदमी मे भी आम नहि,
गुजर जाते है दिन सारे
मेरी होती क्यो शाम नहि,
पछतावा है अपनी अच्छाई का
यहा बुराइ का क्यु अंजाम नहि!!!"
Wings and Fire मोहब्बत बोहत खास है मेरी
पर आदमी मे भी आम नहि,
गुजर जाते है दिन सारे
मेरी होती क्यो शाम नहि,
पछतावा है अपनी अच्छाई का
यहा बुराइ का क्यु अंजाम नहि!!!