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VICHAR_DIL_THI ❤ Lives in Ankleshwar, Gujarat, India

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Mohabbat Kambakht Chiz Badi Zalim Hai; Aashiqo Ki Gali Aake Dekhiye Janab; Yahan Kitne Hi Hue Mirza Or Kayi Hue Galib Hai.... ©VICHAR_DIL_THI ❤

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Chiz Badi Zalim Hai;
Aashiqo Ki Gali
Aake Dekhiye Janab;
Yahan Kitne Hi Hue Mirza 
Or Kayi Hue Galib Hai....

©VICHAR_DIL_THI ❤

तेरी नजदीकियों की खुशी बेहिसाब है, पुरी जिंदगी तेरी महेक मे डूबा रहु, तु एक एसा गुलाब है, आजा बस तु एक बार मेरे पास, तेरे साथ बिताने के लिए मेरे पास कई ख्वाब है!!!

 तेरी नजदीकियों की खुशी बेहिसाब है,
पुरी जिंदगी तेरी महेक मे डूबा रहु, 
तु एक एसा गुलाब है,
आजा बस तु एक बार मेरे पास,
तेरे साथ बिताने के लिए मेरे पास कई ख्वाब है!!!

तेरी नजदीकियों की खुशी बेहिसाब है, पुरी जिंदगी तेरी महेक मे डूबा रहु, तु एक एसा गुलाब है, आजा बस तु एक बार मेरे पास, तेरे साथ बिताने के लिए मेरे पास कई ख्वाब है!!!

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चल आज फिर वो बात हो जाये, बाते ना हो पुरी और रात हो जाये, कुछ इस क़दर तु घर से निकलना, किसी को खबर ना हो और मुलाकात हो जाये!

 चल आज फिर वो बात हो जाये,
बाते ना हो पुरी और रात हो जाये,
कुछ इस क़दर तु घर से निकलना,
किसी को खबर ना हो और मुलाकात हो जाये!

चल आज फिर वो बात हो जाये, बाते ना हो पुरी और रात हो जाये, कुछ इस क़दर तु घर से निकलना, किसी को खबर ना हो और मुलाकात हो जाये!

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Shadow and Light मे बात तो करना तो चाहती हुं उससे, पर अंजाम सोच कर खुद को डराती रेहती हुं, मेरा दिल इतना हावी है मुझपे, कि उसे ब्लोक करके जज़बात बताती रहेती हुं!!

 Shadow and Light  मे बात तो करना तो 
चाहती हुं उससे,

पर अंजाम सोच कर 
खुद को डराती रेहती हुं,

मेरा दिल इतना हावी है मुझपे,

कि उसे ब्लोक करके 
जज़बात बताती रहेती हुं!!

Shadow and Light मे बात तो करना तो चाहती हुं उससे, पर अंजाम सोच कर खुद को डराती रेहती हुं, मेरा दिल इतना हावी है मुझपे, कि उसे ब्लोक करके जज़बात बताती रहेती हुं!!

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Wings and Fire मोहब्बत बोहत खास है मेरी पर आदमी मे भी आम नहि, गुजर जाते है दिन सारे मेरी होती क्यो शाम नहि, पछतावा है अपनी अच्छाई का यहा बुराइ का क्यु अंजाम नहि!!!

 Wings and Fire  मोहब्बत बोहत खास है मेरी
पर आदमी मे भी आम नहि,

गुजर जाते है दिन सारे
मेरी होती क्यो शाम नहि,

पछतावा है अपनी अच्छाई का
यहा बुराइ का क्यु अंजाम नहि!!!

Wings and Fire मोहब्बत बोहत खास है मेरी पर आदमी मे भी आम नहि, गुजर जाते है दिन सारे मेरी होती क्यो शाम नहि, पछतावा है अपनी अच्छाई का यहा बुराइ का क्यु अंजाम नहि!!!

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मेरे नाम से जीनका उजाला हुआ करता था, आज उनको मेरे अंधेरे कि फिकर नहि, ऊंगलि थामकर चला करते थे वो, हाथ छुटा तो मुड़कर देखा तक नही!!

 मेरे नाम से जीनका उजाला हुआ करता था,
आज उनको मेरे अंधेरे कि फिकर नहि,
ऊंगलि थामकर चला करते थे वो,
हाथ छुटा तो मुड़कर देखा तक नही!!

मेरे नाम से जीनका उजाला हुआ करता था, आज उनको मेरे अंधेरे कि फिकर नहि, ऊंगलि थामकर चला करते थे वो, हाथ छुटा तो मुड़कर देखा तक नही!!

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