दिनांत के विधान का
सूर्यास्त के सम्मान का
विहान के विश्वास का
दिवस के न्यास का
तमस के विनाश का
उत्कर्ष के प्रकाश का
हो तन्मय भक्तिभाव में
मन के ठहराव में
हो निर्जला जलधाम में
रख आस्था अंशुमान में
संग श्रद्धा व अराधना
महाव्रत में उपासना
हैं अनन्य पर्व अर्घ्य का
आदित्य के सौजन्य का
©संतोष
#chhathpuja