संतोष

संतोष Lives in Jalandhar, Punjab, India

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#Quotes #Happy  वर्ष!

तु आता हैं हर वर्ष
तु जाता हैं हर वर्ष
तु हंसाता हैं हर वर्ष
तु रुलाता हैं हर वर्ष
उम्मीदे जगाता हैं हर वर्ष
ख्वाब दिखाता हैं हर वर्ष
कुछ देता हैं हर वर्ष
कुछ ले लेता हैं हर वर्ष
कुछ तारिखो से जीवन को
सजाता हैं हर वर्ष
कुछ दिनांको से आंसू
 बहाता हैं हर वर्ष
किसी को जीवन साथी
दिलाता हैं हर वर्ष
किसी को मंजिल तक
पहुंचाता हैं हर वर्ष
एक गुजरा हुआ वक्त
बन जाता हैं हर वर्ष
कुछ खट्टी, कुछ मिठी यादें बनकर
दिल में रह जाता हैं हर वर्ष















.....

©संतोष

#Happy newyear

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#ShamBhiKoi

#ShamBhiKoi

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शीत ऋतु दिवस की निशा जो छोटी थी अब बडी़ होकर इठलाती हैं ढ़ल जाता है भानु शिघ्र और संध्या खूब इतराती हैं तपता सुरज सुकुन देता हैं और हवाये प्रहार बराबर हैं पसीनो की बूंदे बदन पर थी अब ओस की बूंदे धरा पर हैं सब छिप रहे थे जो छाये में अब धूप उन्हें खूब भाये हैं जो जल शीतल लगता था वह कांटे सा अब चुभता हैं जो भिनसार अंशु लाता था वह अंधकार में ही रहता हैं स्वयं रवि देर से जगता हैं और सबको भी सुलाता हैं वातावरण बनकर ठिठुरन कोहरे से सज जाता हैं लिपटकर चादर में तब जीवन चलता जाता हैं जीवन चलता जाता हैं ©संतोष

#Winter  शीत ऋतु

दिवस की निशा जो छोटी थी
अब बडी़ होकर इठलाती हैं
ढ़ल जाता है भानु शिघ्र
और  संध्या खूब  इतराती हैं
तपता सुरज सुकुन देता हैं
और हवाये प्रहार बराबर हैं 
पसीनो की बूंदे बदन पर थी
अब ओस की बूंदे धरा पर हैं
सब छिप रहे थे जो छाये में
अब धूप उन्हें खूब भाये हैं
जो जल शीतल लगता था
वह कांटे सा अब चुभता हैं
जो भिनसार अंशु लाता था
वह अंधकार में ही रहता हैं
स्वयं रवि देर से जगता हैं
और सबको भी सुलाता हैं
वातावरण बनकर ठिठुरन
कोहरे से सज जाता हैं
लिपटकर चादर में तब
जीवन चलता जाता हैं
जीवन चलता जाता हैं

©संतोष

#Winter

5 Love

  दिनांत के विधान का
सूर्यास्त के सम्मान का
विहान के विश्वास का
दिवस के न्यास का 
तमस के विनाश का 
उत्कर्ष के प्रकाश का
हो तन्मय भक्तिभाव में
मन के ठहराव में
हो निर्जला जलधाम में
रख आस्था अंशुमान में
संग श्रद्धा व अराधना 
महाव्रत में उपासना
हैं अनन्य पर्व अर्घ्य का
आदित्य के सौजन्य का










.






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©संतोष

दिनांत के विधान का सूर्यास्त के सम्मान का विहान के विश्वास का दिवस के न्यास का तमस के विनाश का उत्कर्ष के प्रकाश का हो तन्मय भक्तिभाव में मन के ठहराव में हो निर्जला जलधाम में रख आस्था अंशुमान में संग श्रद्धा व अराधना महाव्रत में उपासना हैं अनन्य पर्व अर्घ्य का आदित्य के सौजन्य का . . ©संतोष

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दिनांत के विधान का सूर्यास्त के सम्मान का विहान के विश्वास का दिवस के न्यास का तमस के विनाश का उत्कर्ष के प्रकाश का हो तन्मय भक्तिभाव में मन के ठहराव में हो निर्जला जलधाम में रख आस्था अंशुमान में संग श्रद्धा व अराधना महाव्रत में उपासना हैं अनन्य पर्व अर्घ्य का आदित्य के सौजन्य का . ©संतोष

 दिनांत के विधान का
सूर्यास्त के सम्मान का
विहान के विश्वास का
दिवस के न्यास का 
तमस के विनाश का 
उत्कर्ष के प्रकाश का
हो तन्मय भक्तिभाव में
मन के ठहराव में
हो निर्जला जलधाम में
रख आस्था अंशुमान में
संग श्रद्धा व अराधना 
महाव्रत में उपासना
हैं अनन्य पर्व अर्घ्य का
आदित्य के सौजन्य का











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©संतोष

दिनांत के विधान का सूर्यास्त के सम्मान का विहान के विश्वास का दिवस के न्यास का तमस के विनाश का उत्कर्ष के प्रकाश का हो तन्मय भक्तिभाव में मन के ठहराव में हो निर्जला जलधाम में रख आस्था अंशुमान में संग श्रद्धा व अराधना महाव्रत में उपासना हैं अनन्य पर्व अर्घ्य का आदित्य के सौजन्य का . ©संतोष

6 Love

दिनांत के विधान का सूर्यास्त के सम्मान का विहान के विश्वास का दिवस के न्यास का तमस के विनाश का उत्कर्ष के प्रकाश का हो तन्मय भक्तिभाव में मन के ठहराव में हो निर्जला जलधाम में रख आस्था अंशुमान में संग श्रद्धा व अराधना महाव्रत में उपासना हैं अनन्य पर्व अर्घ्य का आदित्य के सौजन्य का ©संतोष

#chhathpuja  दिनांत के विधान का
सूर्यास्त के सम्मान का
विहान के विश्वास का
दिवस के न्यास का 
तमस के विनाश का 
उत्कर्ष के प्रकाश का
हो तन्मय भक्तिभाव में
मन के ठहराव में
हो निर्जला जलधाम में
रख आस्था अंशुमान में
संग श्रद्धा व अराधना 
महाव्रत में उपासना
हैं अनन्य पर्व अर्घ्य का
आदित्य के सौजन्य का

©संतोष
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