जो कल खिलते गुलाब देखे बागबां मैं आँगन मैं अपने | हिंदी कविता

"जो कल खिलते गुलाब देखे बागबां मैं आँगन मैं अपने मिट्टी के ना होने का ग़म जाना ©Sahil"

 जो कल खिलते गुलाब देखे बागबां मैं 

आँगन मैं अपने मिट्टी के ना होने का ग़म जाना

©Sahil

जो कल खिलते गुलाब देखे बागबां मैं आँगन मैं अपने मिट्टी के ना होने का ग़म जाना ©Sahil

#mitti

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