उसके मेज पर रखे
कागज़ को भी पूरा नहीं
पढ़ा जाता।
मग़र
ढूंढ लेते हैं लड़के के घर का पता
कलमुँही, छिन्नार
मां की सिसकियां
लड़के को मार डालूंगा
बाप की हुंकार
भाई की कुलीनता
कूड़े बीनने वाले को दे दिए जाते हैं उसके सभी कपड़े
कौड़ी के भाव बेचा गया
उसके टेबल लैंप को
तहस नहस कर दिया
सब हेयर बैंड
हेयर क्लच।।
उसकी किताबों,कॉपियों को
उसकी कंघी में उलझे
बालों के साथ
बेचकर
खरीदी गई
साबुनदानी और
वाशिंग ब्रश।
उसके उन्नीस सालों को हटाया गया तमाम घर से
मग़र
दिमाग़ से कभीं नहीं भागती
घर से भागने वाली लड़कियां।।
-ईशु
©Isham singh