Isham singh

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I Love U Baapu

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#कविता #WalkingInWoods  बड़ी सहजता से 
कर लेती है ध्यान
आध्यात्मिक केंद्र चलाती 
वो कुमारी...
जो मुझे विचलित करती है
सफेद कपड़े रमे तन में 
तेज सी
यही उम्र कोई 24-25
इन सालों में भला कौन ध्यान करता है
पूरी जिंदगी पड़ी है 
इस वैराग्य के लिए
ऐज की बढ़त में करना ही क्या है
मेरे कमरे के सामने से
 हंसती-हिलोरती गुज़रती
फ़ोन पर बात करती 
जैसे सही रेंज यहीं आती है
इतना तेज 
माथे के केंद्र में मनन करने से होता होगा
सबसे भयावह स्थिति है यह 
आदमी के लिए
कि एक औरत
 खुद को औरत नही समझती।।
-ईशु

©Isham singh

#WalkingInWoods

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#कविता #Her  सब बताना चाहती हैं
लड़कियां
बॉयफ्रेंड के दिए,
 बैग में छिपाए फ़ोन के बारे में
नई टी शर्ट और कपड़ों की तह में छिपी
 जीन्स के बारे मे
वर्कशॉप के बहाने
 नैनीताल घूम कर आये सफर का मज़ा
उन सब के बारे में जो उसे टीज़ करते हैं
उस अंकल के बारे में जो बेटी कह कर 
छू लेता है उसके बदन को 
उस चचेरे भाई के सारे राज जो 
उसकी सहेली के साथ ओयो जाता है
बताना चाहती हैं लड़कियां
अपने बॉयफ्रेंड के बारे में
वो संडास में पड़ी कण्डोम में तड़फते 
जिंदा संतति के बारे में
पड़ोस में रह रहे उस लड़के के बारे में
 जो रात-बिरात लांग लेता है उसे खिड़की से
अपने पेट के दर्द
अपनी पीठ के दर्द
अपने महीने के दर्द के बारे में।।
जो आज तक नहीं बताया गया।
जो आज तक नहीं सुना गया
सब बताना चाहती हैं लड़कियां।।
-ईशु

©Isham singh

#Her

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#कविता  बरसों बाद मुझसे मिलने 
आओ तो, 
आंखें नम मत करना
मत होना बेचैन मेरी दाढ़ी के सफेद बालों से
चेहरे में आई सलवटों में 
उलझ कर मत रह जाना 
हम एक घर नहीं बसा पाए 
मग़र
अब दो बसा रहे हैं
तुम्हीं तो कहते थे
 अच्छा सोचो
सब अच्छा होता है।
और
कर जाना कोई नया वादा
दे जाना नया टॉपिक,
नया असाइनमेंट,
बिना होमवर्क के 
महोब्बत कहाँ होती है
-ईशम सिंह 'ईशू'

©Isham singh

बरसों बाद मुझसे मिलने आओ तो, आंखें नम मत करना मत होना बेचैन मेरी दाढ़ी के सफेद बालों से चेहरे में आई सलवटों में उलझ कर मत रह जाना हम एक घर नहीं बसा पाए मग़र अब दो बसा रहे हैं तुम्हीं तो कहते थे अच्छा सोचो सब अच्छा होता है। और कर जाना कोई नया वादा दे जाना नया टॉपिक, नया असाइनमेंट, बिना होमवर्क के महोब्बत कहाँ होती है -ईशम सिंह 'ईशू' ©Isham singh

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#कविता  *मेरे बाद*
डाकखाना और स्टेट बैंक के बीच लगे 
जामुन के पेड़ के नीचे देखा है मैने 
उस साये को विचरण  करते
बॉटनी लैब के पीछे लगे चीकू के पेड़ों को झंझोडती हुई
किसी अन्य मर्दाना आवाज़ के साथ 
इंस्ट्रूमेंट विभाग में लगी भूकंपरोधी 
लोहे की पत्तियों ने बचाया होगा मुझे 
उसके जादुई प्रकोप से 
या फिर 
कंठस्थ हनुमान चालीसा ने
उस दिन एहसास हुआ मुझे 
यहां किसी मादा प्रेत आत्मा का वास है
और फिर वो कूद पड़ी
छपाक से...
चुन्नी समेटते हुए
रिवर साइड पार्क से होकर 
गर्ल्स हॉस्टल बैरियर तक...
उससे आगे जाना
हमें कभी अलॉउड नहीं हुआ।
-ईशू

©Isham singh

*मेरे बाद* डाकखाना और स्टेट बैंक के बीच लगे जामुन के पेड़ के नीचे देखा है मैने उस साये को विचरण करते बॉटनी लैब के पीछे लगे चीकू के पेड़ों को झंझोडती हुई किसी अन्य मर्दाना आवाज़ के साथ इंस्ट्रूमेंट विभाग में लगी भूकंपरोधी लोहे की पत्तियों ने बचाया होगा मुझे उसके जादुई प्रकोप से या फिर कंठस्थ हनुमान चालीसा ने उस दिन एहसास हुआ मुझे यहां किसी मादा प्रेत आत्मा का वास है और फिर वो कूद पड़ी छपाक से... चुन्नी समेटते हुए रिवर साइड पार्क से होकर गर्ल्स हॉस्टल बैरियर तक... उससे आगे जाना हमें कभी अलॉउड नहीं हुआ। -ईशू ©Isham singh

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#कविता  अंग्रेजी में गाली देने वाली लड़कियां...
मासिक धर्म,कंडोम,
सेक्स पर बात करती
कॉलेज में फ़टी जीन्स पहनती
सिगरेट के कस लगाती
लड़कों से हाथ मिलाती
गले मिलती
चुम्बन करती
मगर मुहल्ले में
 हर लडक़े को भाई बना लेती हैं 
लड़कियाँ...
मनमानी
सिमट जाती है मुहल्ले में
जुबां नहीं खोलती 
पिता के सामने 
नज़र चुराती हैं भाई से
मुहल्ले में अनदेखी सी रहती हैं
मगर पिता, भाई मुहल्ले से
 दूर
 जीती हैं
 लड़कियां...
अंग्रेजी में गाली देने वाली लड़कियां।
-ईशु

©Isham singh

अंग्रेजी में गाली देने वाली लड़कियां... मासिक धर्म,कंडोम, सेक्स पर बात करती कॉलेज में फ़टी जीन्स पहनती सिगरेट के कस लगाती लड़कों से हाथ मिलाती गले मिलती चुम्बन करती मगर मुहल्ले में हर लडक़े को भाई बना लेती हैं लड़कियाँ... मनमानी सिमट जाती है मुहल्ले में जुबां नहीं खोलती पिता के सामने नज़र चुराती हैं भाई से मुहल्ले में अनदेखी सी रहती हैं मगर पिता, भाई मुहल्ले से दूर जीती हैं लड़कियां... अंग्रेजी में गाली देने वाली लड़कियां। -ईशु ©Isham singh

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#कविता  उसके मेज पर रखे 
कागज़ को भी पूरा नहीं 
पढ़ा जाता।
मग़र
ढूंढ लेते हैं लड़के के घर का पता
कलमुँही, छिन्नार
मां की सिसकियां
लड़के को मार डालूंगा
बाप की हुंकार
भाई की कुलीनता
कूड़े बीनने वाले को दे दिए जाते हैं उसके सभी कपड़े
कौड़ी के भाव बेचा गया
उसके टेबल लैंप को 
तहस नहस कर दिया
सब हेयर बैंड 
हेयर क्लच।।
उसकी किताबों,कॉपियों को
उसकी कंघी में उलझे 
बालों के साथ 
बेचकर
खरीदी गई 
साबुनदानी और
 वाशिंग ब्रश।
उसके उन्नीस सालों को हटाया गया तमाम घर से 
मग़र 
दिमाग़ से कभीं नहीं भागती

घर से भागने वाली लड़कियां।।
-ईशु

©Isham singh

उसके मेज पर रखे कागज़ को भी पूरा नहीं पढ़ा जाता। मग़र ढूंढ लेते हैं लड़के के घर का पता कलमुँही, छिन्नार मां की सिसकियां लड़के को मार डालूंगा बाप की हुंकार भाई की कुलीनता कूड़े बीनने वाले को दे दिए जाते हैं उसके सभी कपड़े कौड़ी के भाव बेचा गया उसके टेबल लैंप को तहस नहस कर दिया सब हेयर बैंड हेयर क्लच।। उसकी किताबों,कॉपियों को उसकी कंघी में उलझे बालों के साथ बेचकर खरीदी गई साबुनदानी और वाशिंग ब्रश। उसके उन्नीस सालों को हटाया गया तमाम घर से मग़र दिमाग़ से कभीं नहीं भागती घर से भागने वाली लड़कियां।। -ईशु ©Isham singh

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