White मिरी नज़रों में
आइंदा के अफ़सोस के साए लर्ज़ां हैं
मुझे क़ैद-ख़ौफ़ से रिहा करो
मैं अपने दर्द की नंगी धूप से
घनी तसल्ली माँग माँग के हार गया
ऐ दर्द मिरा फ़ैसला करो
मिरी ख़ाली आँखें
मंज़र मंज़र भटक रही
लड़खड़ा रही हैं
दया करो
मुझे ख़्वाबों की बैसाखी दो
©Jashvant
मेरी नजरों मैं @R Ojha Sonia Anand @Laxmi Singh @Lalit Saxena @NISHU DUBEY