मैं अडिग हूँ जैसे, शहीद भगत सिंह जी Shaeed Bhagat

"मैं अडिग हूँ जैसे, शहीद भगत सिंह जी Shaeed Bhagat Singh ji और दूसरे सच्चे भारतीय अपने प्राणों के बलिदान देकर भारत को स्वतंत्र (मुक्त) करा गये। न किसी ने प्रधान सेवक (Prime Minister) बनने की इच्छा या प्रयत्न किये और न ही राजसत्ता का उपभोग किया। "UAPA is against the (Indian) CONSTITUTION" said in an interview Mr. S.M. Mushrif, the former IG of Police, Maharashtra जब यू ए पी ए भारतीय संविधान के ही विरुद्ध बनाया गया काला क़ानून है तो जिसने भी इसको संसद भवन में बैठ कर क़ानून बनाया, जिसने भी उस समय समर्थन किया, या जो भी आज इस काले क़ानून का एक सम्प्रदाय विशेष के ख़िलाफ़ प्रताड़ित करने हेतु बल प्रयोग या सत्ता का दुरुपयोग करके एक हथियार के रूप में संविधान विरोधी जघन्यतम अपराध कर रहे हैं, क्या उन के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए ? ©Mohammed Shamoon"

 मैं अडिग हूँ जैसे,  शहीद भगत सिंह जी
Shaeed Bhagat Singh ji
और दूसरे सच्चे भारतीय अपने प्राणों के बलिदान देकर भारत को स्वतंत्र (मुक्त) करा गये। न किसी ने प्रधान सेवक (Prime Minister) बनने की इच्छा या प्रयत्न किये और न ही राजसत्ता का उपभोग किया।
"UAPA is against the (Indian) CONSTITUTION"
said in an interview Mr. S.M. Mushrif, the former IG of Police, Maharashtra
जब यू ए पी ए भारतीय संविधान के ही विरुद्ध बनाया गया काला क़ानून है तो जिसने भी इसको संसद भवन में बैठ कर क़ानून बनाया, जिसने भी उस समय समर्थन किया, या जो भी आज इस काले क़ानून का एक सम्प्रदाय विशेष के ख़िलाफ़ प्रताड़ित करने हेतु बल प्रयोग या सत्ता का दुरुपयोग करके एक हथियार के रूप में संविधान विरोधी जघन्यतम अपराध कर रहे हैं,
क्या उन के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए ?

©Mohammed Shamoon

मैं अडिग हूँ जैसे, शहीद भगत सिंह जी Shaeed Bhagat Singh ji और दूसरे सच्चे भारतीय अपने प्राणों के बलिदान देकर भारत को स्वतंत्र (मुक्त) करा गये। न किसी ने प्रधान सेवक (Prime Minister) बनने की इच्छा या प्रयत्न किये और न ही राजसत्ता का उपभोग किया। "UAPA is against the (Indian) CONSTITUTION" said in an interview Mr. S.M. Mushrif, the former IG of Police, Maharashtra जब यू ए पी ए भारतीय संविधान के ही विरुद्ध बनाया गया काला क़ानून है तो जिसने भी इसको संसद भवन में बैठ कर क़ानून बनाया, जिसने भी उस समय समर्थन किया, या जो भी आज इस काले क़ानून का एक सम्प्रदाय विशेष के ख़िलाफ़ प्रताड़ित करने हेतु बल प्रयोग या सत्ता का दुरुपयोग करके एक हथियार के रूप में संविधान विरोधी जघन्यतम अपराध कर रहे हैं, क्या उन के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए ? ©Mohammed Shamoon

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