White ज़मीं हरसी गगन हरसा, गरज सावन-सघन बरसा नयन बरसे जो विरहन के तो कवि-मन छंद बन बरसा हुई अबके बरस है फिर वही ख़ुदरंग-सी बारिश― कहीं पे कमसिनी बरसी,कहीं है बाँकपन बरसा ©Ghumnam Gautam #sad_shayari #सावन #ghumnamgautam #कवि #छंद Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto