अकेला हु तनहा हु खुद से हारा हु
ऐं मेरे दिल अब तू भी मुझे अकेला छोड़ जा
परवाह नहीं अब किसी और कि मुझे
शख्त हो चुका हु ऐ ज़ख्म तू भी अब अपना रास्ता कही और मोड़ जा
अपनों ने छोड़ दिया परायों ने भी तोड़ दिया
मारा मारा फ़िर रहा हूं कि अब ऐं ज़िन्दगी तू भी मुझे फ़कीर बनाकर मेरा रास्ता छोड़ जा
मुश्किलें हैं बहुत सी रुसवाईयां भी झेली है
बेवफाइयों ने तोड़ रक्खा हैं मुझे ऐं तन्हाइयों तू अब मेरा साथ छोड़ जा
दर्द से आहट हु बर्दाश्त से हारा हुआ हु
ऐं दर्द की दवा बनाने वाले मेरे जख्म का तुझे अंदाज़ा नहीं अब बेदर्द हु ऐं दर्दों अब तो मुझे बेदर्द छोड़ जा
गैर कभी अपने होते नहीं और अपने पराए बन जाते हैं
अपने और पराए से अंजान सब को छोड़ आया हु ऐं
मेरे पीछे आने तन्हाइयों तू भी मुझे अकेला छोड़ जा
प्यार होता नहीं अब तभी इश्क से हार आया हु
मोहब्बत की गलियों में अपना प्यार छोड़ आया हु ऐं इश्क़ की आगाजों तू भी मुझे अकेला छोड़ जा
अकेला हु तनहा हु खुद से हारा हु
ऐं मेरे दिल अब तू भी मुझे अकेला छोड़ जा
©Sonuzwrites
#WoRaat अकेला हु तनहा हु खुद से हारा हु ऐं मेरे दिल अब तू भी मुझे अकेला छोड़ जा
@Sethi Ji बाबा ब्राऊनबियर्ड @Krisswrites Srk writes Dr.Javed Sikandar