White जिसको जितनी थी ज़रूरत उतना ही उसने जाना मुझ | हिंदी Shayari

"White जिसको जितनी थी ज़रूरत उतना ही उसने जाना मुझे वो बढ़ते सिकुड़ते होंठों को मैं खुश हूं ऐसा माना मुझे कभी चाहतों को कुचल कर जिम्मेदारियों का बोझ दिया मुझे कभी जिम्मेदारियाँ निभाते हुए मेरी खुशियाँ छीना मुझसे वो एक ही तो है जिसे चाहा है मैंने या ख़ुदा तूने भी ना जाना मुझे कभी ख़ामोशियों में फिरता हूँ अब कभी तन्हाइयों नें घेरा है मुझे इतने सूरज आजमाए मैंने फिर भी दिखता चारो ओर अंधेरा है मुझे ©rj_vishwa"

 White जिसको जितनी थी ज़रूरत 
उतना ही उसने जाना मुझे 
वो बढ़ते सिकुड़ते होंठों को 
मैं खुश हूं ऐसा माना मुझे 
कभी चाहतों को कुचल कर 
जिम्मेदारियों का बोझ दिया मुझे 
कभी जिम्मेदारियाँ निभाते हुए 
मेरी खुशियाँ छीना मुझसे 
वो एक ही तो है जिसे चाहा है मैंने 
या ख़ुदा तूने भी ना जाना मुझे 
कभी ख़ामोशियों में फिरता हूँ अब 
कभी तन्हाइयों नें घेरा है मुझे
इतने सूरज आजमाए मैंने फिर भी 
दिखता चारो ओर अंधेरा है मुझे

©rj_vishwa

White जिसको जितनी थी ज़रूरत उतना ही उसने जाना मुझे वो बढ़ते सिकुड़ते होंठों को मैं खुश हूं ऐसा माना मुझे कभी चाहतों को कुचल कर जिम्मेदारियों का बोझ दिया मुझे कभी जिम्मेदारियाँ निभाते हुए मेरी खुशियाँ छीना मुझसे वो एक ही तो है जिसे चाहा है मैंने या ख़ुदा तूने भी ना जाना मुझे कभी ख़ामोशियों में फिरता हूँ अब कभी तन्हाइयों नें घेरा है मुझे इतने सूरज आजमाए मैंने फिर भी दिखता चारो ओर अंधेरा है मुझे ©rj_vishwa

अंधेरा 😊
#andhera

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