हर याद तेरी पीछे छोड़कर हम आगे निकल आए थे आज आईने प | मराठी कविता

"हर याद तेरी पीछे छोड़कर हम आगे निकल आए थे आज आईने पर निगाह गयी तो देखा तेरी निशानी कमबख्त हम साथ लिए आए थे। लाख कोशिशें की मिटाने की जिन्हें वो गहरे जख्म बन हमें तेरी याद दिलाते रहे। और हम अपने आँसू को पानी की बूंदों से छिपाते जमाने के आगे मुस्कुराते रहे। और तेरी यादें हमेशा हमारे दिल मे दफन हो हमेशा हमारे साथ ही रही। ©Ragini Pathak"

 हर याद तेरी पीछे छोड़कर हम आगे निकल आए थे
आज आईने पर निगाह गयी तो देखा तेरी निशानी कमबख्त हम साथ लिए आए थे।
लाख कोशिशें की मिटाने की जिन्हें
वो गहरे जख्म बन हमें तेरी याद दिलाते रहे।
और हम अपने आँसू को पानी की बूंदों से छिपाते
जमाने के आगे मुस्कुराते रहे।
और तेरी यादें हमेशा हमारे दिल मे दफन हो हमेशा हमारे साथ ही रही।

©Ragini Pathak

हर याद तेरी पीछे छोड़कर हम आगे निकल आए थे आज आईने पर निगाह गयी तो देखा तेरी निशानी कमबख्त हम साथ लिए आए थे। लाख कोशिशें की मिटाने की जिन्हें वो गहरे जख्म बन हमें तेरी याद दिलाते रहे। और हम अपने आँसू को पानी की बूंदों से छिपाते जमाने के आगे मुस्कुराते रहे। और तेरी यादें हमेशा हमारे दिल मे दफन हो हमेशा हमारे साथ ही रही। ©Ragini Pathak

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