खुली वादियाँ मौसम रंगीन पतझड़ भी इंतखाब है,
यहाँ के जरे जरे हवाओं मे भी कुछ तो शबाब हैं !
नीला गगन, मगन जमाना आज कुछ तो बात हैं,
आज फिर वही दिन और रात हमारी मुलाखात मे कुछ तो खास हैं !!
तू सुहाना परवाना मस्ताना भी है,
तेरी एक सबनम का जग दीवाना भी है !
मे भी फ़िदा तुझ पर कुछ लूटाना भी है,
उम्र गुजार की देख मुझ संग बंधिसे लगाना भी है !!
-kavirA
#khulibat....