White है लगती भूख अंगों की जिश्म की चाह रहती है, ज | हिंदी विचार Video

"White है लगती भूख अंगों की जिश्म की चाह रहती है, जिंदगी जाम में फिर शाम की परवाह रहती है, निगाहो में बसाते रूप रंगों के खिलौने और , बदन को देखते ही सिसकियां भी आह कहती हैं। ©Shubham Mishra "

White है लगती भूख अंगों की जिश्म की चाह रहती है, जिंदगी जाम में फिर शाम की परवाह रहती है, निगाहो में बसाते रूप रंगों के खिलौने और , बदन को देखते ही सिसकियां भी आह कहती हैं। ©Shubham Mishra

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