White मेरी आंखें झरना होने लगीं हैं ।
क्या मिल गया है मुझे कि अपना सब कुछ खोने लगी हूँ ।
ना जाने किस सुकून कि तलाश हैं इस जहां मैं मुझे कि
सब से तनहा होने लगी हूँ।
मैं नादान मासूम बच्चा दुनिया की ठोकरों से समझदार होने लगी हूँ।
सच सबका जान कर अनजान होने लगी हूँ ।
ना जाने लिखा है किस का पता मेरी आखों मैं जमी पर मिला नहीं तो आसमानों मे खोजने लगीं हूँ।
©Manisha patel journey of realization
#love_shayari