यूं तो हम भी हुआ करते थे, आजाद परिंदा। उनसे मुहब्ब | हिंदी Shayari

"यूं तो हम भी हुआ करते थे, आजाद परिंदा। उनसे मुहब्बत क्या हुई, की नज़रों में कैद हो गए।। -----राकेश यादव"

 यूं तो हम भी हुआ करते थे, आजाद परिंदा।
उनसे मुहब्बत क्या हुई, की नज़रों में कैद हो गए।।
                                          -----राकेश यादव

यूं तो हम भी हुआ करते थे, आजाद परिंदा। उनसे मुहब्बत क्या हुई, की नज़रों में कैद हो गए।। -----राकेश यादव

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