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student of clg
हमने सपने देखे थे एकता के , चल भी रहा था साकार होने को। पर एक पल ऐसा आया कि, एकता अनेकता में बिखर गई।। ©Yadunandan Rakesh
Yadunandan Rakesh
7 Love
आख़िरकार जब पायी होगी सफलता उसने , जिंदगी खुशियों से भर आयी होगी। अब क्या कहना उसकी जिंदगी में , नया सबेरा सा आया होगा, नयी सुबह , नये सूट , नयी जिंदगी उसने फिर से पायी होगी। आख़िरकार उसने सफलता पायी होगी।। ©Yadunandan Rakesh
11 Love
#rip sushant क्या कमी थी तेरे घर। जो गया भगवान के घर।। -----राकेश
13 Love
r a k e s h
10 Love
y a d u n a n d a n
9 Love
यूं तो हम भी हुआ करते थे, आजाद परिंदा। उनसे मुहब्बत क्या हुई, की नज़रों में कैद हो गए।। -----राकेश यादव
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