आह भरने से, घुँट के मरने से, दर्द को शाइरी बनाने तक,
कुछ ज़माने की कुछ मुहब्बत की कुछ तुम्हारा भी हाथ है साहिब।
©Vikash Kumar
आह भरने से, घुँट के मरने से, दर्द को शाइरी बनाने तक,
कुछ ज़माने की कुछ मुहब्बत की कुछ तुम्हारा भी हाथ है साहिब
-- Vikash Kumar
#feelings