वो किसी के घर का चराग़ है वो किसी के आँख का नूर है
वो बुझा हुआ सा है आज कल कोई मसअला तो जरूर है
वो भटक रहा है इधर - उधर किसी रहगुजर के तलाश में
उसे क्या खबर की अभी सफ़र कई मुश्किलात से दूर है
#walkingalone
था नहीं मालूम उल्फ़त का मुझे अंजाम सो
दिल लुटाकर आ गये थे बेवफ़ा के प्यार में।
तुम अकेले ही नहीं रोये मुहब्बत में यहाँ
दर्द की है दफ़्न मैंने भी पस-ए-दीवार में।
-- Vikash Kumar
#together
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