Vikash Kumar

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वो किसी के घर का चराग़ है वो किसी के आँख का नूर है वो बुझा हुआ सा है आज कल कोई मसअला तो जरूर है वो भटक रहा है इधर - उधर किसी रहगुजर के तलाश में उसे क्या खबर की अभी सफ़र कई मुश्किलात से दूर है ©Vikash Kumar

#शायरी #walkingalone  वो किसी के घर का चराग़ है वो किसी के आँख का नूर है 
वो बुझा हुआ सा है आज कल कोई मसअला तो जरूर है  

वो भटक रहा है इधर - उधर किसी रहगुजर के  तलाश में 
उसे क्या खबर  की अभी सफ़र  कई मुश्किलात  से दूर है

©Vikash Kumar

वो किसी के घर का चराग़ है वो किसी के आँख का नूर है वो बुझा हुआ सा है आज कल कोई मसअला तो जरूर है वो भटक रहा है इधर - उधर किसी रहगुजर के तलाश में उसे क्या खबर की अभी सफ़र कई मुश्किलात से दूर है #walkingalone

4 Love

Safar रिवायत की लकीरें तोड़ कर बढ़ते चले जाओ वगरना जो हैं आगे वो न हरगिज़ रास्ता देंगे। ©Vikash Kumar

#शायरी #tradition #Success #vikash #safar  Safar रिवायत की लकीरें तोड़ कर बढ़ते चले जाओ 
वगरना जो हैं आगे  वो न हरगिज़  रास्ता देंगे।

©Vikash Kumar

रिवायत की लकीरें तोड़ कर बढ़ते चले जाओ वगरना जो हैं आगे वो न हरगिज़ रास्ता देंगे। #vikash #Success #tradition #safar

5 Love

था नहीं मालूम उल्फ़त का मुझे अंजाम सो दिल लुटाकर आ गये थे बेवफ़ा के प्यार में। तुम अकेले ही नहीं रोये मुहब्बत में यहाँ दर्द की है दफ़्न मैंने भी पस-ए-दीवार में। ©Vikash Kumar

#शायरी #together  था नहीं मालूम उल्फ़त का मुझे अंजाम सो 
दिल लुटाकर आ गये थे बेवफ़ा के प्यार में।

तुम अकेले  ही नहीं  रोये मुहब्बत  में यहाँ 
दर्द की है  दफ़्न मैंने  भी पस-ए-दीवार में।

©Vikash Kumar

था नहीं मालूम उल्फ़त का मुझे अंजाम सो दिल लुटाकर आ गये थे बेवफ़ा के प्यार में। तुम अकेले ही नहीं रोये मुहब्बत में यहाँ दर्द की है दफ़्न मैंने भी पस-ए-दीवार में। -- Vikash Kumar #together

4 Love

गुजारिश बैठने की कर रहा पर तुम्हारे साथ सोना चाहता हूँ ©Vikash Kumar

#शायरी #FriendshipDay  गुजारिश बैठने की कर रहा पर 
तुम्हारे  साथ  सोना  चाहता  हूँ

©Vikash Kumar

गुजारिश बैठने की कर रहा पर तुम्हारे साथ सोना चाहता हूँ -- Vikash Kumar #FriendshipDay

4 Love

आह भरने से, घुँट के मरने से, दर्द को शाइरी बनाने तक, कुछ ज़माने की कुछ मुहब्बत की कुछ तुम्हारा भी हाथ है साहिब। ©Vikash Kumar

#शायरी #feelings  आह भरने से,  घुँट के मरने से,  दर्द को शाइरी बनाने तक, 
कुछ ज़माने की कुछ मुहब्बत की कुछ तुम्हारा भी हाथ है साहिब।

©Vikash Kumar

आह भरने से, घुँट के मरने से, दर्द को शाइरी बनाने तक, कुछ ज़माने की कुछ मुहब्बत की कुछ तुम्हारा भी हाथ है साहिब -- Vikash Kumar #feelings

6 Love

Dil दिल से दिल के जुड़े हैं तार तभी तेरे वादे पे ऐतबार किया ©Vikash Kumar

#शायरी #Heartbeat  Dil  दिल से दिल के जुड़े हैं तार तभी 
तेरे   वादे    पे    ऐतबार   किया

©Vikash Kumar

दिल से दिल के जुड़े हैं तार तभी तेरे वादे पे ऐतबार किया #Heartbeat

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