आह भरने से, घुँट के मरने से, दर्द को शाइरी बनाने | हिंदी शायरी

"आह भरने से, घुँट के मरने से, दर्द को शाइरी बनाने तक, कुछ ज़माने की कुछ मुहब्बत की कुछ तुम्हारा भी हाथ है साहिब। ©Vikash Kumar"

 आह भरने से,  घुँट के मरने से,  दर्द को शाइरी बनाने तक, 
कुछ ज़माने की कुछ मुहब्बत की कुछ तुम्हारा भी हाथ है साहिब।

©Vikash Kumar

आह भरने से, घुँट के मरने से, दर्द को शाइरी बनाने तक, कुछ ज़माने की कुछ मुहब्बत की कुछ तुम्हारा भी हाथ है साहिब। ©Vikash Kumar

आह भरने से, घुँट के मरने से, दर्द को शाइरी बनाने तक,
कुछ ज़माने की कुछ मुहब्बत की कुछ तुम्हारा भी हाथ है साहिब
-- Vikash Kumar

#feelings

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