मेरे प्यारे सैंटा, कास मेरा कोई सैंट्टा होता।
दो चार करोड़ मुझे दे देता।
सर का पूरा कर्ज चुकाता ।
मैं खुशी से नाचता गाता।
दोस्तों के संग मौज उड़ाता।
भाग दौड़ से मैं बच जाता।
अपना छोटा व्यापार चलाता।
समय से उठता समय से सोता।
पूरा हर सपना हो जाता।
लंदन पैरिस घूम के आता।
सबको वहां की बात बताता।
खर्चों से ना मैं घबराता।
ना अमीरी आँख दिखाती।
ना पैसों की कमी सताती।
चलता मैं भी आॅडी लेकर।
मौज मस्ती से दिन बिताता।
कास मेरा कोई सैंट्टा होता।
अजय कुमार व्दिवेदी
#अजयकुमारव्दिवेदी कास मेरा कोई सैंट्टा होता।