भर ले तू अब
तेरे पंखों में उडान
तुझे आसमां तक
पोहचना हैं
अब ये धरती तेरे लिए
कम पड़ रही हैं!!
तूझे चार दिवारों में
कैद होकर नहीं हैं रहना
हवा संग अपना
रुख़ तुझे बदलना है
किसी के बातों पर
तू यकीन मत कर
तेरा हौसला तू बुलंद रख
वक्त को तूझे अपने और
झुकाना हैं!!
तू अपने वसूलो पे चल
दौनों हाथों से सब को
तुझे भर भर के देना है
तेरी झोली खाली हो
पर दुआओं की कमी
कभी ना रहे गी!!
भर ले तू अब
तेरे पंखों पे उडान
तुझे आसमां तक
पोहचना हैं
अब धरती तेरे लिए
कम पड़ रही हैं!!
माँ बाप का रहेगा तेरे
सर पर आशिर्वाद
फिर कोई नहीं कर
सकता तुझे बबार्द
तूझे रहना है
सदा के लिए आबाद!!
भर ले तू अपने
पंखों में उडान!!
©Akash Jadhav
#Sunrise