घूंघट में चाँद घूंघट के हट जाने से मेरे चाँद का दी
"घूंघट में चाँद घूंघट के हट जाने से मेरे चाँद का दीदार होता है,
फिर वार कोई भी हो मेरा तो 'इतवार' होता है ।
मुखड़ा देखकर उसका मैं घायलों सा कराहता नहीं,
पर जब तक वो घूंघट ना ओढ़ ले मैं होश में आता नहीं"
घूंघट में चाँद घूंघट के हट जाने से मेरे चाँद का दीदार होता है,
फिर वार कोई भी हो मेरा तो 'इतवार' होता है ।
मुखड़ा देखकर उसका मैं घायलों सा कराहता नहीं,
पर जब तक वो घूंघट ना ओढ़ ले मैं होश में आता नहीं