उन सभी लोगों के लिए, जिन्होंने शायद कभी मुझे परखा था -
मै अकेला खड़ा हिमालय हूं
तुम टूटी हुई चट्टान प्रिए।
मै लौह सी जलती आग हूं
तुम हवा में उड़ती आंच प्रिए ।
मै उस समुद्र की लहर प्रिए
तुम जिस समुद्र का कीड़ा हो
कई कश्तियां डुबाई है मैंने
तुम तो बस छोटी सी पीड़ा हो।।
#Dream #Quote #selfrespect