White मैं तुम्हारी स्मृति का सेतु बाँधती चली गयी
तुम्हारी दी हुई पीड़ा के रेत में, मैं अश्रुजल मिलाती चली गयी
कभी न पूर्ण होने वाली अभिलाषा की तिलांजली देती चली गई
शेष बचे अवशेष को जल प्रवाहित क़रती चली गयी
ये हवन कुंड सा हृदय मेरा, अग्नि प्रज्जवलित होती चली गयी
बाकी बच्ची इक्षाओं को समिधा बना एक एक कर जलाती चली गयी
अंतिम आशा और अभिलाषा समाप्त होती चली गयी
तुम्हारे प्रेम की आशा,मेरा सम्पूर्ण जीवन कुंठित क़रती चली गयी
©Richa Dhar
#GoodMorning जीवन