वह आदमी जो इंसान रह रह के थक गया था एक शाम शहर से गांव लौटा तो चीखने चिल्लाने लगा बर्तन तोड़ दिए और एक दुकान का समान बाहर फेंक दिया वह कहता था की वह आदमी नहीं रहा ओ शेर चीता हाथी कुत्ता भेड़ बकरी मैसे कुछ हो सकता है लेकिन वह आदमी नहीं है
©Ashab Khan
#UskiAankhein