यादों की बारिश एक बूदों भरी शाम तेरी याद ने रुलाया मुझे,
जब हद से ज्यादा मोहब्बत थी तो क्यों न बताया मुझे| एक उम्मीद थीं तेरे लौट आने की मुझे,
लेकिन उस उम्मीद ने भी उदास किया मुझे | महफिल में अकेले हो तो तू आसपास हो मेरे,
बस इतनी सी ही हसरत तुझसे थी मुझे |
आज फिर से बरसात वाली शाम है,
तू नहीं, बस तेरी यादें ही साथ है |
कैसे कहूं कि यह सिर्फ बारिश नहीं,
ये तो तेरी यादों की बारिश हैं | - योगेश कुमार ...
©Yogesh Kumar
यादों की बारिश