White पहली राखी है जो बिना दी और बहन के बिता रहा हूं।
दिल अंदर से रो रहा है
मन में समंदर डोल रहा है
रोकूं इस समंदर को भीतर या
उड़ेल दूं बाहर
इसी उधेड़बुन में चल रहा हूं
पहली राखी है जो बिना दी और बहन के बिता रहा हूं।
सुबह सुबह किसी ने स्नान करने को नहीं कहा
किसी ने नए कपड़े पहनने को नहीं बोला
बस सब अपने मन से किया जा रहा हूं
पहली राखी है जो बिना दी और बहन के बिता रहा हूं।
न राखी पसंदीदा ले रहा हूं
न मिठाई हीं पसंदीदा खरीद रहा हुं
बस सब यूं हीं किए जा रहा हूं
पहली राखी है जो बिना दी और बहन के बिता रहा हूं
न चिढ़ा रहा हूं किसी को
न हीं हाथ छिपा रहा हूं
बस मन में उदासी लिए मां से चंदन लगवा रहा हूं
पहली राखी है जो बिना दी और बहन के बिता रहा हूं।
चलो छोड़ता हूं उदासी मन से दूर करता हूं बेबसी
राखी के दिन यही दुआ मांगू रब से
सदा खुश रहो आप और खुशियां भी मिले अपार
इस बार नहीं इस त्योहार में तो अगले बार आना जरूर
हमारी खुशियों को अपने आशीष से चार गुना बढ़ाना जरूर
करूंगा इंतजार मैं ये आपको कह रहा हूं
इस बार बिना आपके राखी पहन रहा हूं
पहली राखी है जो बिना दी और बहन के बिता रहा हूं।
मिस यू 😢
©MUSAFIR............. ON THE WAY
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