ठहराओ तो उसमें था ही नहीं... रुकती थी निकल लिया कर | English Shayari

"ठहराओ तो उसमें था ही नहीं... रुकती थी निकल लिया करती थी, मैं कपड़े बदलते सोचता था... वो मर्द बदल लिया करती थी – मजदूम खान ©Anant Nag Chandan"

 ठहराओ तो उसमें था ही नहीं...
रुकती थी निकल लिया करती थी,
मैं कपड़े बदलते सोचता था...
वो मर्द बदल लिया करती थी
– मजदूम खान

©Anant Nag Chandan

ठहराओ तो उसमें था ही नहीं... रुकती थी निकल लिया करती थी, मैं कपड़े बदलते सोचता था... वो मर्द बदल लिया करती थी – मजदूम खान ©Anant Nag Chandan

ठहराओ तो उसमें था ही नहीं...
रुकती थी निकल लिया करती थी,
मैं कपड़े बदलते सोचता था...
वो मर्द बदल लिया करती थी
– मजदूम खान

#eroticart

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