पतंगों की उच्ची उड़ान मे, फसी पेच हवाओ का, सूरज की

"पतंगों की उच्ची उड़ान मे, फसी पेच हवाओ का, सूरज की हलकी धुपे, छट अंधेरा कोहरेपन का, शीतल हवाओ से, ये समीर वदन को कपकपता है, दही चुडे की होड़ मे, खेतो से वो अधपके फैसलों की, सुगंध पुरे वातावरण मे छाई, शाल के पहले पर्व पे, चारो ओर खुशिया है, बट रही है गुड़ की मिठाई, देखो, फिर से मकर संक्रांति आई, फिर से मकर संक्रांति आई; ©Jay Kishan Rajput"

 पतंगों की उच्ची उड़ान मे,
फसी पेच हवाओ का,
सूरज की हलकी धुपे,
छट अंधेरा कोहरेपन का,
शीतल हवाओ से,
ये समीर वदन को कपकपता है,
दही चुडे की होड़ मे,
खेतो से वो अधपके फैसलों की,
सुगंध पुरे वातावरण मे छाई,
शाल के पहले पर्व पे,
चारो ओर खुशिया है,
बट रही है गुड़ की मिठाई,
देखो, फिर से मकर संक्रांति आई,
फिर से मकर संक्रांति आई;

©Jay Kishan Rajput

पतंगों की उच्ची उड़ान मे, फसी पेच हवाओ का, सूरज की हलकी धुपे, छट अंधेरा कोहरेपन का, शीतल हवाओ से, ये समीर वदन को कपकपता है, दही चुडे की होड़ मे, खेतो से वो अधपके फैसलों की, सुगंध पुरे वातावरण मे छाई, शाल के पहले पर्व पे, चारो ओर खुशिया है, बट रही है गुड़ की मिठाई, देखो, फिर से मकर संक्रांति आई, फिर से मकर संक्रांति आई; ©Jay Kishan Rajput

#Happy_makar_sankranti

People who shared love close

More like this

Trending Topic