White विधि करहु विविध संस्कार जग में,, मैं लेखक कव | हिंदी भक्ति

"White विधि करहु विविध संस्कार जग में,, मैं लेखक कवि शैलेंद्र आनंद हूं।। स्वतंत्र आवाज़ में दबाव रहित ना ग़ुप ना समुह ना किसी संगठन का मैं गुलाम हूं।। मैं तो भारत प्रजातांत्रिक देश का कूलदीपक हूं।। ना कोई मेरा तेरा मन करे वो लफ्जो से भावना से कर्म से भाग्य विधाता सर्वग्य है।। जिसका आनंद करण जौहर में जलना रणकौशल वीरों की शान है।। अगर मगर ख्याल रखना झण्डाबदार सरकार का दायित्व नहीं है,, कलम दवात कागज पर लिखकर चित्र विचित्र बात है।। मां भगवती चरण शरण में, मैं शैलेंद्र आनंद तुम्हारा अपना मित्र सहोदर भ्राता हूं तुम्हारी आन बान शान में कसीदे पढ़े लिखे लोग पार्टी नहीं देश बडा है महान है।। मैं गांधी,सुभाष, भगतसिंह, अब्दुल हमीद,, और ,नेहरु इंदिरा गांधी की आवाज का कायल हूं।। जय हिन्द जय भारत मां भारती को सदैव तत्पर प्रमाण पत्र प्रणाम,, मेरा नाम शैलेंद्र आनंद, जवान वन्देमातरम कहना है और ,, भारत मां शब्द में प्राणपण लफ्ज़ में समा जाना है।। ्््भावचित्र निज विचार ्््््कवि शैलेंद्र आनंद https://www.facebook.com/share/p/hRnvXghQhuZCa9Y2/?mibextid=oFDknk ©Shailendra Anand"

 White विधि करहु विविध संस्कार जग में,,
मैं लेखक कवि शैलेंद्र आनंद हूं।।
स्वतंत्र आवाज़ में दबाव रहित ना ग़ुप ना समुह ना किसी संगठन का मैं गुलाम हूं।।
मैं तो भारत प्रजातांत्रिक देश का कूलदीपक हूं।।
ना कोई मेरा तेरा मन करे वो लफ्जो से भावना से कर्म से भाग्य विधाता सर्वग्य है।।
जिसका आनंद करण जौहर में जलना रणकौशल वीरों की शान है।।
अगर मगर ख्याल रखना झण्डाबदार सरकार का दायित्व नहीं है,,
 कलम दवात कागज पर लिखकर चित्र विचित्र बात है।।
मां भगवती चरण शरण में,
मैं शैलेंद्र आनंद तुम्हारा अपना मित्र सहोदर भ्राता हूं तुम्हारी आन बान शान में कसीदे पढ़े लिखे लोग पार्टी नहीं देश बडा है महान है।।
मैं गांधी,सुभाष, भगतसिंह, अब्दुल हमीद,,
 और ,नेहरु इंदिरा गांधी की आवाज का कायल हूं।।
जय हिन्द जय भारत मां भारती को सदैव तत्पर प्रमाण पत्र प्रणाम,,
 मेरा नाम शैलेंद्र आनंद,
जवान वन्देमातरम कहना है और ,,
भारत मां शब्द में प्राणपण लफ्ज़ में समा जाना है।।
्््भावचित्र
 निज विचार
्््््कवि शैलेंद्र आनंद https://www.facebook.com/share/p/hRnvXghQhuZCa9Y2/?mibextid=oFDknk

©Shailendra Anand

White विधि करहु विविध संस्कार जग में,, मैं लेखक कवि शैलेंद्र आनंद हूं।। स्वतंत्र आवाज़ में दबाव रहित ना ग़ुप ना समुह ना किसी संगठन का मैं गुलाम हूं।। मैं तो भारत प्रजातांत्रिक देश का कूलदीपक हूं।। ना कोई मेरा तेरा मन करे वो लफ्जो से भावना से कर्म से भाग्य विधाता सर्वग्य है।। जिसका आनंद करण जौहर में जलना रणकौशल वीरों की शान है।। अगर मगर ख्याल रखना झण्डाबदार सरकार का दायित्व नहीं है,, कलम दवात कागज पर लिखकर चित्र विचित्र बात है।। मां भगवती चरण शरण में, मैं शैलेंद्र आनंद तुम्हारा अपना मित्र सहोदर भ्राता हूं तुम्हारी आन बान शान में कसीदे पढ़े लिखे लोग पार्टी नहीं देश बडा है महान है।। मैं गांधी,सुभाष, भगतसिंह, अब्दुल हमीद,, और ,नेहरु इंदिरा गांधी की आवाज का कायल हूं।। जय हिन्द जय भारत मां भारती को सदैव तत्पर प्रमाण पत्र प्रणाम,, मेरा नाम शैलेंद्र आनंद, जवान वन्देमातरम कहना है और ,, भारत मां शब्द में प्राणपण लफ्ज़ में समा जाना है।। ्््भावचित्र निज विचार ्््््कवि शैलेंद्र आनंद https://www.facebook.com/share/p/hRnvXghQhuZCa9Y2/?mibextid=oFDknk ©Shailendra Anand

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कवि शैलेंद्र आनंद

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