18 की उम्र पूरा होने के बाद सिर्फ़ बचपन ही नहीं छूटटा है, जिस चेहरे पर हमेशा भाव खुशियाँ का रहता था उस चेहरे पर भाव जिम्मेदारियों की आने लगता है। न जाने कितनों की घर छूट जाता है, तो कोई शहर की शोर और तन्हाईयों में खो जाता है।न जाने कितनों की दोस्त छूट जाते हैं, तो कितनों की प्यार छूट जाता है। 18 की उम्र पूरा होने के बाद एक बेटा की बाप से जिद्द छूट जाता है।समस्या समझौते में बदल जाता है और दर्द Daily routine में। 18 की उम्र के बाद सिर्फ़ बचपन ही नहीं छूटता है।
✍️✍️Radhe Shyam
©Radhe Shyam
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