मुझे चलना नहीं आता था अब चलना सिखा दिया है,
जिंदगी की रीत को अब जीना सिखा दिया है I
इस टुटे हुए हीरे को कई वर्षों से तरासकर,
अब आपने इस नालायक को लायक बना दिया है ।
हज़ारों बन गए हैं गुरुवर आपकी छाँव में,
जो डूबे है आपकी बातों में वे उभरे जिंदगानी में।
मेरे ख़ुशी का प्याला है आपके हाथ का प्याला,
कोई रहे या न रहे लेकिन गुरुवर रहना आप मेरा रखवाला।
सभी शिक्षकों के पावन चरणों में मेरा सादर प्रणाम 🙏🙏🙏🙏
HAPPY TEACHER'S DAY.
✍️✍️-Radhe Shyam.
©Radhe Shyam
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