उस से कहियो कि दिल की गलियों में ,
रात दिन तेरी इंतिज़ारी है ..
हिज्र हो या विसाल हो कुछ हो ,
हम हैं और उस की यादगारी है ..
©Arshu....
उस से कहियो कि दिल की गलियों में
रात दिन तेरी इंतिज़ारी है
हिज्र हो या विसाल हो कुछ हो
हम हैं और उस की यादगारी है
@Sethi Ji प्रज्ञा @Ritu Tyagi Diksha Singh @Anshu writer