"मेरे शहर की रौनक
तुम्हारे शहर में कहा ।
मेरे शहर की सुनहरी धुप,
तुम्हारी दोपहर में कहा।
हम तो गम भी किसी के चुरा लेते हैं,
मगर किसी का गम ऊधार ले सको
ऐसा तुम्हारा जिगर कहा।"
मेरे शहर की रौनक
तुम्हारे शहर में कहा ।
मेरे शहर की सुनहरी धुप,
तुम्हारी दोपहर में कहा।
हम तो गम भी किसी के चुरा लेते हैं,
मगर किसी का गम ऊधार ले सको
ऐसा तुम्हारा जिगर कहा।