मेरे बग़ैर तुम्हारे दिल में फिर कभी गुलशन-ए-यार सा

"मेरे बग़ैर तुम्हारे दिल में फिर कभी गुलशन-ए-यार सा गुलज़ार न मिलेगा रंज व ग़म, दर्द व सितम देने वाले तो मिलेंगे मगर कोई ग़मख़्वार न मिलेगा हज़ारों हैं तेरी शैदाई इस नशे में चूर ऐ मेरे मग़रूर यार दिखावे के लिए तो मिल जायेंगे हज़ारों दोस्त, मगर तुम्हें मुझ जैसा दोस्त वफ़ादार न मिलेगा मो. इक्साद अंसारी"

 मेरे बग़ैर तुम्हारे दिल में फिर कभी गुलशन-ए-यार सा गुलज़ार न मिलेगा
रंज व ग़म, दर्द व सितम देने वाले तो मिलेंगे मगर कोई ग़मख़्वार न मिलेगा
हज़ारों हैं तेरी शैदाई इस नशे में चूर ऐ मेरे मग़रूर यार
दिखावे के लिए तो मिल जायेंगे हज़ारों दोस्त, मगर तुम्हें मुझ जैसा दोस्त वफ़ादार न मिलेगा
मो. इक्साद अंसारी

मेरे बग़ैर तुम्हारे दिल में फिर कभी गुलशन-ए-यार सा गुलज़ार न मिलेगा रंज व ग़म, दर्द व सितम देने वाले तो मिलेंगे मगर कोई ग़मख़्वार न मिलेगा हज़ारों हैं तेरी शैदाई इस नशे में चूर ऐ मेरे मग़रूर यार दिखावे के लिए तो मिल जायेंगे हज़ारों दोस्त, मगर तुम्हें मुझ जैसा दोस्त वफ़ादार न मिलेगा मो. इक्साद अंसारी

MD Iksad Ansari

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