स्नेह आशीष स्नेह अभिनंदन
राम लला के माथे शोभे चंदन
नए युग में धीर धरो तुम
विजय शंखनाद उद्घोष करो तुम
नव विचारों को समुद्र सा मंथन करो तुम
कच्ची मिट्टी को परिपक्व करो तुम
ऊर्जा अमृत पान करो तुम
स्वर्णिम पन्नों में सुनहरे नाम करो तुम।
©TAPAN MANDAL
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