प्यार की थपकी देकर जीवन का अस्तित्व समझाते है, धरा | हिंदी शायरी

"प्यार की थपकी देकर जीवन का अस्तित्व समझाते है, धरा से उठाकर हमे आसमां तक ले जाते है, इनका दर्जा है ऊंचा नारायण से भी, ये वो कारीगर है जो देश के भविष्य की नीव मजबूत बनाते है।। थपकी देकर प्यार की जीवन का अस्तित्व समझाते है... कभी मां कभी पिता कभी भ्राता कभी अभिभावक बनते है, कभी अल्बर्ट कभी कलाम कभी गांधी को जनते है... कभी भी बन हम उम्र रोते को हंसना सिखाते है... कभी फिर सख्त बन बाहर से गलती का अहसास कराते है, इनके गुणों का वर्णन शास्त्र कर नहीं पाए, कलम भी रुक गई लेखक कुछ कर नही पाए, यही इतिहास बदलते है राजनीति का पाठ पढ़ाते है, थपकी देकर प्यार की जीवन का अस्तित्व बताते है ... ये महान मानव तुझको नमन बारम्बार है, तेरे एहसानों तले चल रहा संसार है, मेरे करने से कुछ भी तो होता नहीं तेरे आशीर्वाद वाला कभी रोता है... कर मेहर अपनी नजरों की हम नादान शीश झुकाते है.. थपकी देकर प्यार की जीवन का अस्तित्व बताते है... ©ABHISHEK MANI"

 प्यार की थपकी देकर जीवन का अस्तित्व समझाते है,
धरा से उठाकर हमे आसमां तक ले जाते है,
इनका दर्जा है ऊंचा नारायण से भी,
ये वो कारीगर है जो देश के भविष्य की नीव मजबूत बनाते है।।
थपकी देकर प्यार की जीवन का अस्तित्व समझाते है...


कभी मां कभी पिता कभी भ्राता कभी अभिभावक बनते है,
कभी अल्बर्ट कभी कलाम कभी गांधी को जनते है...
कभी भी बन हम उम्र रोते को हंसना सिखाते है...
कभी फिर सख्त बन बाहर से गलती का अहसास कराते है,
इनके गुणों का वर्णन शास्त्र कर नहीं पाए,
कलम भी रुक गई लेखक कुछ कर नही पाए,
यही इतिहास बदलते है राजनीति का पाठ पढ़ाते है,
  
थपकी देकर प्यार की जीवन का अस्तित्व बताते है ...

ये महान मानव तुझको नमन बारम्बार है,
तेरे एहसानों तले चल रहा संसार है,
मेरे करने से कुछ भी तो होता नहीं 
तेरे आशीर्वाद वाला कभी रोता है...
कर मेहर अपनी नजरों की हम नादान शीश झुकाते है..

थपकी देकर प्यार की जीवन का अस्तित्व बताते है...

©ABHISHEK MANI

प्यार की थपकी देकर जीवन का अस्तित्व समझाते है, धरा से उठाकर हमे आसमां तक ले जाते है, इनका दर्जा है ऊंचा नारायण से भी, ये वो कारीगर है जो देश के भविष्य की नीव मजबूत बनाते है।। थपकी देकर प्यार की जीवन का अस्तित्व समझाते है... कभी मां कभी पिता कभी भ्राता कभी अभिभावक बनते है, कभी अल्बर्ट कभी कलाम कभी गांधी को जनते है... कभी भी बन हम उम्र रोते को हंसना सिखाते है... कभी फिर सख्त बन बाहर से गलती का अहसास कराते है, इनके गुणों का वर्णन शास्त्र कर नहीं पाए, कलम भी रुक गई लेखक कुछ कर नही पाए, यही इतिहास बदलते है राजनीति का पाठ पढ़ाते है, थपकी देकर प्यार की जीवन का अस्तित्व बताते है ... ये महान मानव तुझको नमन बारम्बार है, तेरे एहसानों तले चल रहा संसार है, मेरे करने से कुछ भी तो होता नहीं तेरे आशीर्वाद वाला कभी रोता है... कर मेहर अपनी नजरों की हम नादान शीश झुकाते है.. थपकी देकर प्यार की जीवन का अस्तित्व बताते है... ©ABHISHEK MANI

थपकी देकर प्यार की ......

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